हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने सभी उम्मीदवारों और चुनाव के मैदान में सरगर्म लोगों का शुक्रिया करते हुए निर्वाचित राष्ट्रपति को अवाम के कल्याण और मुल्क की तरक़्क़ी के लिए मुल्क की असीम संभावनाओं को उपयोग करने की अनुशंसा करते हुए शहीद रईसी की राह को जारी रखने पर बल दिया हैं।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता का पैग़ाम इस तरह हैः
बिस्मिल्लाह अर्रहमान अर्रहीम
सारी तारीफ़ पूरी कायनात के मालिक अल्लाह के लिए है और दुरूद व सलाम हो हमारे सरदार मोहम्मद और उनकी पाक नस्ल ख़ास तौर पर ज़मीन पर अल्लाह की आख़िरी हुज्जत इमाम महदी पर जिन पर हमारी जान क़ुरबान।
अज़ीज़ व रहीम अल्लाह का शुक्र कि जिसके इरादे और तौफ़ीक़ से ईरान की अज़ीम क़ौम शहीद राष्ट्रपति के निधन के बाद होने वाले भारी ग़म के बाद थोड़ी सी क़ानूनी मुद्दत में राष्ट्रपति चुनाव के आयोजन और लगादार दो जुमों में आज़ाद व पारदर्शी चुनाव कराने में कामयाब हुयी और उसने कई उम्मीदवारों के दरमियान बहुमत से राष्ट्रपति का चयन किया।
चुनाव का आयोजन कराने वाले सम्मानीय अधिकारियों ने ज़रूरी मुस्तैदी और पूरी ईमानदारी के साथ अपनी ज़िम्मेदारियां अदा कीं और अज़ीज़ अवाम अपनी ज़िम्मेदारी महसूस करते हुए मैदान में आए और उन्होंने एक पुरजोश मंज़र पेश किया और दो चरणों में साढ़े 5 करोड़ से ज़्यादा वोट बैलेट बॉक्सों में डाले गए।
यह कारनामा, इलेक्शन के बहिष्कार की तैयार की गयी साज़िश के मुक़ाबले में जिसे ईरानी क़ौम के दुश्मनों ने मायूसी फैलाने और गतिरोध का एहसास पैदा करने के लिए तैयार किया था, एक उज्जवल व न भुलाया जाने वाला काम है और सभी सम्मानीय उम्मीदवार और वो सभी लोग जो इनमें से किसी एक की जीत के लिए हफ़्तों तक दिन रात कोशिश करते रहे, इसके फ़ख़्र और सवाब में भागीदार हैं।
अब ईरानी क़ौम ने अपने राष्ट्रपति को चुन लिया है। मैं क़ौम, निर्वाचित राष्ट्रपति और इस मैदान में सरगर्म सभी लोगों ख़ास तौर पर उम्मीदवारों का चुनावी प्रचार करने वाले पुरजोश जवानों को मुबारकबाद पेश करते हुए सभी को मुल्क की दिन प्रतिदिन तरक़्क़ी और इज़्ज़त के लिए सहयोग और ख़ैरख़ाही की नसीहत करता हूं। मुनासिब होगा कि इलेक्शन के दौरान की प्रतिस्पर्धा, अब दोस्ती में बदल जाए और हर कोई अपनी क्षमता भर मुल्क की भौतिक व आत्मिक तरक़्क़ी के लिए कोशिश करे।
मैं निर्वाचित राष्ट्रपति जनाब डॉक्टर पेज़िश्कियान साहब से भी अनुशंसा करता हूं कि वो मेहरबान अल्लाह पर भरोसा करते हुए ऊंचे व रौशन क्षितिज पर नज़रें जमाएं और शहीद रईसी की राह को जारी रखते हुए मुल्क की असीम सलाहियतों ख़ास तौर पर नौजवान, क्रांतिकारी और मोमिन मैनपावर को अवाम की भलाई और कल्याण तथा मुल्क की तरक़्क़ी के लिए ज़्यादा से ज़्यादा उपयोग करें।
मैं एक बार फिर अल्लाह की बारगाह में शुक्र की पेशानी टेकता हूं, हज़रत इमाम महदी पर, जिन पर हमारी जान क़ुरबान, दुरूद व सलाम भेजता हूं, आला शहीदों और शहीदों के इमाम को श्रद्धांजलि पेश करता हूं और सभी सम्मानीय उम्मीदवारों और चुनाव के मैदान में सरगर्म लोगों, जिन्होंने इस संवेदनशील वक़्त में अपना रोल अदा किया और साथ ही राष्ट्रीय मीडिया, मुल्क की सुरक्षा करने वाले और चुनाव का आयोजन करने वाले विभाग का शुक्रिया अदा करता हूं।
सैयद अली ख़ामेनेई
06/07/2024